वो नानी का घर,
वो मामा का प्यार,
अनायास ही लेखनी द्वारा मामा के प्यार ने शब्दों का जो रूप लिया, आपके सामने प्रस्तुत है : -
मेरे मामा
मेरे मामा
प्यारे मामा
लगते जैसे
चंदा मामा
और क्या
सुनाऊ मामा
मिश्री जैसे
मीठे मामा
दूध और
मलाई मामा
56 भोग
मिठाई मामा
मेरे मामा
प्यारे मामा
लगते जैसे
चंदा मामा
हम सबके
दुलारे मामा
हमे लगाए
पिटाई मामा
फिर सुनाये
कहानी मामा
फिर भी हमारे
प्यारे मामा
मेरे मामा
प्यारे मामा
लगते जैसे
चंदा मामा
बचपन में
खिलाये मामा
साइकल पर
घुमाये मामा
पिक्चर हमें
दिखाये मामा
चाट पकौड़ी
खिलाये मामा
मेरे मामा
प्यारे मामा
लगते जैसे
चंदा मामा
बहुत अच्छी बाल रचना है
ReplyDeleteऐसे ही लिखते रहिये
मेरे इस नए ब्लॉग बाल साहित्य पर भी आपका स्वागत है।
Deleteधन्यवाद ...।
सुन्दर लिखा है सर।
ReplyDeleteभावना जी धन्यवाद,
Deleteमेंरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है और साथ ही साथ मेरे एक और ब्लॉग एक नई सोच पर आपका स्वागत है।
🙏🏻🙏🏻💐💐
अति सुंदर 👍😊
ReplyDeleteधन्यवाद ...💐💐
DeleteBahut sunder, likhana jari rakhiye
ReplyDeleteधन्यवाद ...
DeleteVery Nice Poem
ReplyDeleteधन्यवाद ....💐💐💐
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।👌
ReplyDeleteबचपन याद आ गया।
धन्यवाद ...💐💐
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